भ्रष्टाचार पर घिरी मोदी सरकार

bjpjkएक साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने न आने को सबसे बड़ी उपलब्धि बताने वाली भाजपा को अब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही रोज सफाई देनी पड़ रही है। मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि एक साल में कोई भ्रष्टाचार नही अब वही उपलब्धि विपक्ष का सबसे बड़ा हथियार बन कर भाजपा को डरा रहा है। आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद के सवाल को बड़ा मुद्दा बना रही है, बल्कि भाजपा शासित राज्यों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले को भी केंद्रीय स्तर पर उठाने में पूरी ताकत लगा रही है। कांग्रेस की इस रणनीति को इस दृष्टि से भी समझा जा सकता है कि मध्यप्रदेश का व्यापमं घोटाला और छत्तीसगढ़ का चावल घोटाला संबंधी मामला सालों पुराना है।

मगर पार्टी ने पहली बार इन मामलों को अपने केंद्रीय मंच पर जगह दी है। भाजपा के लिए परेशानी की बात यह है कि भ्रष्टाचार के मामले में केंद्र सरकार ही नहीं बल्कि पार्टी शासित तीन राज्य विपक्ष के निशाने पर हैं। वह भी ऐसे समय जब पार्टी को सबसे बड़ी सियासी चुनौती बिहार विधानसभा चुनाव और संसद के मानसून सत्र से गुजरना है।

मोदी सरकार ने जब एक साल का कार्यकाल पूरा किया था, तब भाजपा जोश से भरी थी। पार्टी और सरकार के मंत्री सभी मंच पर इस दौरान भ्रष्टाचार की एक भी घटना सामने न आने देने को सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बता रही थी।