रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया के दोषियों की फाँसी पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस पर एक सामाजिक कार्यकर्ता योगिता ने न्यायालय के बाहर ही अपना धरना शुरु कर दिया। उसका कहना है कि न्यायालय जब तक दोषियों को फाँसी देने की तारीख मुकर्रर नहीं कर देता, तब तक वो यहीं बैठी रहेगी। दूसरी ओर केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील देते हुए कहा कि दोषी कानून का बार-बार दुरुपयोग कर रहे हैं। एक दोषी पवन के पास अभी भी क्यूरेटिव और दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है, जिससे अन्य दोषियों की फाँसी में और देरी हो सकती है। दोषी मामले को लंबा खींचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, ताकि फाँसी टलती रहे।