अब हमारे बीच नही रहे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम

abdulवर्ष 2002 से 2007 के दौरान राष्ट्रपति रहे 84 वर्षीय कलाम सोमवार शाम करीब 6:30 बजे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में लेक्चर देने के दौरान अचानक बेहोश होकर गिर पड़े थे। इसके बाद उन्हें यहां के बेथानी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया।मिसाइलमैन के नाम से दुनिया भर में मशहूर कलाम का शव मंगलवार सुबह दिल्ली लाया जाएगा। केंद्र सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति थे। वर्ष 2002 में वह केंद्र की एनडीए सरकार के समय राष्ट्रपति बने। पूरी जिंदगी शिक्षा को समर्पित करने वाले कलाम को 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। कलाम को 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया। पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने शोक प्रकट किया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है कि कलाम के निधन से गहरा सदमा पहुंचा है। वह पूरी एक पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे। अस्पताल लाए जाने पर पूर्व राष्ट्रपति को देखने वाले डा. एएम खर्बमोन ने कहा कि कलाम को 7:45 बजे मृत घोषित किया गया। जब उनसे पूछा गया कि क्या पूर्व राष्ट्रपति को अस्पताल मृत हालत में लाया गया था तो उन्होंने कहा कि जब उन्हें लाया गया तो उनमें जिंदगी का कोई लक्षण नहीं थे लेकिन हम उस वक्त उन्हें मृत घोषित नहीं कर सकते थे। पूर्व राष्ट्रपति को जब लाया गया तो उनकी सांस और न ही उनकी नाड़ी चल रही थी। हमने अपनी ओर से हरसंभव कोशिश की लेकिन हम उनके नहीं बचा सके। उनकी मौत की वजह अचानक दिल का दौरा पड़ना है।