वित्तीय क्षेत्रों में असर

सरकार ने वित्तीय क्षेत्रों में भी बदलाव के संकेत दिए हैं। जीवन बीमा निगम एलआईसी में निजी क्षेत्र की भागिदारिता को प्रवेश दिया जाएगा। बैंकों में सुधार के लिए बड़े बदलाव किए जाएंगे।डिपॉजिट इंश्योरेंस कवरेज को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.8 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है।