
करनाल के नरेंद्र सलूजा (58) को मोतियाबिंद था। सलूजा परिवार ऑपरेशन के लिए उन्हें दिल्ली के निजी अस्पताल लेकर आया था। निजी अस्पताल में 11 जुलाई को ऑपरेशन के दौरान नरेंद्र को हार्ट अटैक हो गया। व्यक्ति ने दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन जाते-जाते तीन घरों में खुशियां दे गया। एम्स में ब्रेन डेड से मल्टी आर्गेन ट्रांसप्लांट किया गया, जो दस घंटे से अधिक चला।
मरीज को 14 जुलाई को एम्स के ट्रामा सेंटर में शिफ्ट किया गया। इसके बाद ब्रेन डेड की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 17 जुलाई सवा तीन बजे नरेंद्र सलूजा को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
साढ़े तीन बजे तीन आपरेशन थियेटर तैयार किए गए, जिसमें एक साथ आर्गेन ट्रांसप्लांट शुरू किया गया। बॉडी से लीवर एक पुरुष को दिया गया। जो कि ठीक है, लेकिन वेंटिलेटर पर है। जबकि किडनी दो अन्य मरीजों को दी गई, जिनकी हालत अब बिल्कुल ठीक है।
बॉडी से दो कॉर्निया व हार्ट वॉल्व भी निकाले गए, जिन्हें तीन अन्य मरीजों के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। हालांकि हार्ट ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सका। क्योंकि कॉर्डियक अरेस्ट के चलते उसे प्रयोग नहीं किया जा सकता था।
तीन आपरेशन थियेटर में चले ट्रांसप्लांट में सौ लोगों की टीम ने भागेदारी की, जिसमें डॉक्टर, नर्स व तकनीकी स्टाफ शामिल रहा। खास बात यह है बरेली की आठ वर्षीय बच्ची दीपिका को भी नई जिंदगी मिली है।