मनी लांडरिंग रोक एक्ट के तहत छगन भुजबल पर कसा सिकंजा

bhujbalप्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांडरिंग रोकथाम अधिनियम के तहत महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं।खबर है कि महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा राज्य के पूर्व सार्वजनिक निर्माण एवं पर्यटन मंत्री छगन भुजबल एवं उनके संबंधियों के 17 ठिकानों पर छापेमारी के बाद करोड़ों की सम्पत्ति का पता चला है।
एसीबी के अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी के बाद भुजबल और उनके संबंधियों के मुंबई, पुणे और नासिक में 17 फ्लैट्स, छह बंगला और 1.8 हेक्टेयर के एक फार्म हाउस का पता चला है। इसमें स्विमिंग पूल, हेलीपैड, जिम जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन संपत्तियों से भुजबल एवं उनके परिवार को सालाना करोड़ों रुपये किराया आता है।
मंगलवार को मारे गए इस छापे की कार्रवाई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन के पुनर्निर्माण में हुए घोटाले की जांच प्रक्रिया का हिस्सा है। एसीबी द्वारा भुजबल, उनके पुत्र , भतीजे एवं कई अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी पिछले सप्ताह ही दर्ज की जा चुकी है। बता दें कि दिल्ली के कोपरनिकस मार्ग स्थित महाराष्ट्र सदन के पुनर्निर्माण में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
आरोप है कि भुजबल ने इसके निर्माण का ठेका अपने संबंधियों को दिया। आम आदमी पार्टी एवं भाजपा सांसद किरीट सोमैया द्वारा इस मामले में जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद बांबे हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भुजबल ने एसीबी की ओर से उनपर लगाए जा रहे आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सदन के पुनर्निर्माण के बारे में कोई भी निर्णय उनका व्यक्तिगत नहीं रहा है। इस मामले में पूरे मंत्रिमंडल ने मिलकर फैसला किया था। बता दें कि यदि एसीबी द्वारा लगाए गए आरोप साबित हुए तो भुजबल पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई हो सकती है