बीएसपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अवधपाल सिंह यादव ने सोमवार को अपने बेटे रणजीत यादव और साथी योगेन्द्र के साथ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एटा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने तीनों लोगों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। वह लंबे समय से कई मामलों में फरार चल रहे थे। घर की कुर्की के साथ ही पुलिस अवध पाल सिंह पर पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर चुकी थी। आत्मसमर्पण के साथ ही उनके वकील ने अदालत में जमानत की अर्जी दी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
प्रदेश की सत्ता से बीएसपी के हटते ही पूर्व मंत्री अवध पाल सिंह यादव और उनके बेटे जिला पंचायत सदस्य रणजीत पर एक के बाद एक कई आपराधिक मामले दर्ज हुए थे। इनमें जैथरा (एटा) क्षेत्र में तिहरा हत्याकांड, पशु चिकित्सालयों के निर्माण में घोटाला और अलीगंज क्षेत्र का दुष्कर्म मामला प्रमुख हैं। इसके अलावा भी पूर्व मंत्री पर जानलेवा हमला, आपराधिक षड्य़ंत्र रचने, मारपीट के कई मामले दर्ज हैं।
एसएसपी एटा ने बताया कि सोमवार सुबह साढ़े दस बजे पूर्व मंत्री, अपने पुत्र और टपुआ गांव निवासी अपने साथी योगेंद्र के साथ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुए। उनके वकील ने अदालत में तीनों लोगों के आत्मसमर्पण करने की अर्जी पेश की। अदालत के आदेश पर तीनों लोगों को वहीं न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया। अदालत ने पूर्व मंत्री के वकील की जमानत अर्जी खारिज करते हुए तीनों को चौदह दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।