
भारतीय अर्थव्यवस्था को एक और झटका लगा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारत की अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर को घटाने के बाद एक और एजेंसी ‘इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च’ ने 2020-21 के जीडीपी में सिर्फ 5.5% की बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया है। यानी अगले साल जीडीपी में मामूली बढ़ोतरी ही होगी। इस एजेंसी के एक अधिकारी के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था कम खपत और कमजोर माँग के जाल में फँसती जा रही है, जो काफी जोखिम भरा है। भारत सरकार को अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए सख्त नीतियों को लागू करने की जरूरत है।