प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामने आए आकड़ों की मानें तो कोलकाता के रहने वाले इस शख्य का नाम गौतम कुंडू है। कुंडू कभी चिटफंड कंपनियों के लिए एजेंट के तौर पर काम करता था।
लेकिन आज पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी चिट फंड कंपनी रौजवैली ग्रुप ऑफ कंपनीज का मुख्य प्रबंध निदेशक और सह मालिकहै। इस शख्स के पर्सनल कलेक्शन में दर्जनों नहीं, बल्कि सैकड़ों कारें हैं। जिनकी गिनती 150 पर खत्म होती है। इनमें विन्टेज से लेकर लेटेस्ट एंड लक्जरी कारों के मॉडल शामिल है।
जांच एजेंसी की मानें तो कुंडू का साम्राज्य 12 राज्यों, पश्चिम बंगाल, ओडि़शा, बिहार, असम, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, मणिपुर, झारखंड और आंध्र प्रदेश तक फैला है। वहीं जयपुर, जलपाईगुड़ी, पूर्व मेदिनीपुर, सिलीगुड़ी, और कोलकाता में कुंडू के 23 आलीशान होटल हैं। इसके अलावा कोलकाता में सात आलीशान मकान और रांची में 6 हजार स्क्वॉयर फीट का बंगला भी है।
कुंडू के भाई काजल कुंडू ने रोजवैली कंपनी की शुरुआत की थी। भाई की मौत के बाद गौतम कुंडू ने कोलकाता आकर दमदम में एक गैराज में काम करना शुरू किया। इसी दौरान कुंडू ने चिट फंड कंपनियों में बतौर एजेंट के तौर पर भी हाथ आजमाया और इसके बाद अपनी कंपनी शुरू की।
ईडी के मुताबिक, रोजवैली चिटफंड घोटाले में देश भर के करीब एक करोड़ लोगों को चूना लगा है। इनमें 70 लाख निवेशक बंगाल के ही हैं। मामले की जांच सीबीआइ भी कर रही है। घोटाले की आंच की जांच तृणमूल और अभिनेता तापस पाल तक भी पहुंची। ईडी के मुताबिक रोजवैली चिटफंड घोटाला 15 हजार करोड़ का है।