
शादी में देरी, कहीं ग्रहों की वजह से तो नहीं। जी हाँ, कमजोर ग्रहों के कारण भी विवाह में देरी हो जाती है। अशुभ ग्रह विवाह में अड़चन पैदा करते हैं। ये ग्रह कई बार ऐसी स्थिति बना देते हैं कि बात बनने के बाद भी टूट जाती है। जन्म कुंडली के सातवें स्थान का संबंध विवाह से होता है। अगर इस भाव में अशुभ, क्रुर और पाप ग्रह बैठ जाएं तो विवाह देरी और बड़ी मुश्किलों से होता है। आइए जानते हैं, आखिर वे कौन से ग्रह हैं जो विवाह में देरी का कारण बनते हैं। सातवें स्थान पर अगर मंगल ग्रह बैठ जाए तो विवाह में देरी आती ही आती है, इसको मांगलिक दोष की श्रेणी में रखा जाता है। इस वजह से दांपत्य जीवन में कई कठिनाईयां आती हैं। मांगलिक दोष का निवारण करने के बाद ही विवाह करने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, मांगलिक की शादी मांगलिक से करने से यह दोष समाप्त हो जाता है। इसके अलावा इस स्थान पर ही किसी पाप ग्रह की नजर है तो भी विवाह होने में दिक्कत आती है। वहीं, इसके निवारण के लिए भगवान की पूजा अर्चना और व्रत रखने से भी इन दोषों को कुछ हद तक कम करने में मदद मिलती है।